मैं भी मरना चाहता हूँ। पर ऐसे बार बार नहीं। मैं भी मरना चाहता हूँ। पर ऐसे बार बार नहीं।
नीरज ने भी हाथ हिलाया और अलविदा कहकर निकल गया। दोनों को कल मिलना था....... नीरज ने भी हाथ हिलाया और अलविदा कहकर निकल गया। दोनों को कल मिलना था.......
वे जीवन के हर लम्हो में दुख हो सुख हो एक दूसरे के साथ हर घड़ी रहते थे। वे जीवन के हर लम्हो में दुख हो सुख हो एक दूसरे के साथ हर घड़ी रहते थे।
अपने सुर "सस्वी-पुन्नु" में बहुत मारमिक अंदाज में पेश किया है। अपने सुर "सस्वी-पुन्नु" में बहुत मारमिक अंदाज में पेश किया है।
अब वह एक जर्जर भवन की तरह था जिसमें पछतावों के डरावने प्रेत रहते थे। अब वह एक जर्जर भवन की तरह था जिसमें पछतावों के डरावने प्रेत रहते थे।
मगर वो ख़ौफनाक रात जैसे ख़त्म ही न होने को तैयार थी ! मगर वो ख़ौफनाक रात जैसे ख़त्म ही न होने को तैयार थी !